नरेंद्र मोदी डोनाल्ड ट्रंप का हाथ थामे मंच पर चढ़े। उसके बाद उन्होंने अपने ‘दोस्त’ को गले लगा लिया। पूरा स्टेडियम तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मोदी-ट्रंप की दोस्ती की ऐसी तस्वीरें पूरी दुनिया ने एक से ज़्यादा बार देखी हैं। लेकिन अब इसमें दरार पड़ गई है। यह कहना सही होगा कि वह रिश्ता अब नहीं रहा। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने यह दावा किया है। कूटनीतिक विशेषज्ञों के एक वर्ग का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीति ने पिछले दो दशकों में पहली बार नई दिल्ली और वाशिंगटन के रिश्तों को बेहद निचले स्तर पर ला दिया है। ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर दो चरणों में कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। लेकिन इससे भी यह सीमा नहीं टूटी। भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद नहीं किया है। नतीजतन, तनाव और बढ़ गया है। ब्रिटिश मीडिया ‘एलबीसी’ को दिए एक हालिया साक्षात्कार में बोल्टन ने कहा, ‘ट्रंप अंतरराष्ट्रीय संबंधों को निजी रिश्तों की नज़र से देखते हैं। व्लादिमीर पुतिन के साथ उनके निजी रिश्ते अच्छे हैं, यानी अमेरिका और रूस के रिश्ते भी अच्छे हैं। वह ऐसा सोचते हैं। लेकिन हकीकत यह नहीं है।’ जब ट्रंप ने पहली बार राष्ट्रपति पद संभाला था, तब बोल्टन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थे। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति को बहुत करीब से देखा है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनके व्यक्तिगत संबंधों से भी वाकिफ हैं। उनके शब्दों में, “एक समय उनके व्यक्तिगत संबंध बहुत अच्छे थे। अब ऐसा नहीं है। यह सबके लिए एक सबक है। व्यक्तिगत संबंध कुछ मामलों में उपयोगी हो सकते हैं। लेकिन वे संबंध आपको बुरी परिस्थितियों से नहीं बचा सकते।”
ट्रंप-मोदी की दोस्ती टूट गई है, ‘अब रिश्ता नहीं रहा’: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
