SIR को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफ़ी दबाव है। तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे पर आवाज़ उठाई है और भाजपा पर हमला बोला है। उन्होंने SIR को ‘साइलेंट इनविज़िबल रिगिंग’ या ‘अदृश्य धांधली’ कहा है। अभिषेक ने यह भी संकेत दिया कि अगर किसी भी मतदाता का नाम छूटा तो आंदोलन तेज़ होगा। संसद के बाहर खड़े होकर उन्होंने कहा, “भाजपा नेता कह रहे हैं कि बंगाल में 2 करोड़ नाम छूटेंगे। SIR अभी शुरू भी नहीं हुआ है! भाजपा किस आधार पर झूठ बोल रही है? फिर भी चुनाव आयोग चुप है। लेकिन मैं यही कहूँगा, उन्हें दो नाम छोड़ देने दीजिए, बंगाल की जनता बता देगी कि क्या जवाब देना है।” अभिषेक ने दावा किया, “यह SIR प्रक्रिया कोई चुनावी लड़ाई नहीं, बल्कि लोकतंत्र को छीनने की साज़िश है। आयोग भाजपा के लिए काम कर रहा है। चुनाव आयोग ने भाजपा को जिताने के लिए चुपचाप इस तरह वोट लूटने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह एक तरह का NRC शुरू करने की कोशिश है।” दिल्ली की सड़कों पर जनआंदोलन की चेतावनी देते हुए अभिषेक ने कहा, “लोगों को वोट नहीं डालने दिया जा रहा है, फिर भी आयोग कुत्तों और ट्रैक्टरों के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र लेकर उन्हें स्वीकार कर रहा है! पिता का नाम ‘कुत्ता बाबू’ है, माता का नाम ‘कुत्तिया देवी’ है। अब सवाल यह है कि क्या यह कुत्ता बांग्लादेश से आया था? जो बिहार में हुआ, अगर बंगाल में करने की कोशिश की तो अंजाम भुगतना पड़ेगा। बंगाल की धरती किसी को भी वोट का अधिकार छीनने नहीं देगी। ज़रूरत पड़ी तो दिल्ली की सड़कों पर जनआंदोलन होगा।”
अभिषेक ने दी चेतावनी, ‘SIR का मतलब है ‘अदृश्य हेराफेरी, 2 मतदाताओं के नाम हटाकर दिखाओ’
