राज्य में उच्च शिक्षा में दाखिले और भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के मामले पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग ने स्नातक के लिए कॉमन एडमिशन पोर्टल (CAP) के जरिए आवेदन की अंतिम तिथि 25 जुलाई तक बढ़ा दी। हालांकि, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने उस दिन शाम के एक्स हैंडल पर लिखा था, ‘छात्रों की सुविधा के लिए, हमने मुख्यमंत्री के निर्देश पर आवेदन की अंतिम तिथि 10 दिन और बढ़ा दी है।’ सूत्रों के अनुसार, उस दिन शाम 6 बजे तक 3 लाख 48 हजार 294 छात्रों ने अपना नाम दर्ज कराया और 19 लाख 93 हजार 433 आवेदन जमा हुए। इन छात्रों में से 3,787 दूसरे राज्यों के हैं। हालांकि राज्य के 477 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फिलहाल 9 लाख 48 हजार 737 सीटें हैं। नतीजतन, बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाएंगी, जैसा कि कुछ जानकार हलकों को यकीन है। क्योंकि, इस बार 4 लाख 30 हजार 286 नियमित परीक्षार्थी उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में उत्तीर्ण हुए हैं। पिछले साल यह संख्या 6 लाख 79 हजार 784 थी। तब भी सीएपी के जरिए स्नातक में 4 लाख 44 हजार से ज्यादा दाखिले हुए थे। उच्च शिक्षा प्रशासकों के एक वर्ग का कहना है कि राज्य सरकार को प्रवेश प्रक्रिया इस वजह से बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि उस दिन सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी मामले की सुनवाई नहीं हो पाई थी। पहले तारीख 1 जुलाई से बढ़ाकर 15 जुलाई, फिर 25 जुलाई कर दी गई। कई लोगों का मानना है कि इससे 2025 के शैक्षणिक वर्ष में स्नातक की कक्षाएं शुरू होने को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। शिक्षा मंत्री ने कॉमन पोर्टल के उद्घाटन के दिन घोषणा की थी कि 18 जून से 1 जुलाई तक आवेदन किए जा सकेंगे। 6 जुलाई को मेरिट लिस्ट जारी होगी। उसके आधार पर पहले चरण के लिए प्रवेश अवधि 6-12 जुलाई थी। अपग्रेड में सीटें आवंटित होने के बाद 1 अगस्त से कक्षाएं शुरू होनी थीं। खुद शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल इस घोषणा पर अमल नहीं हो रहा है। लेडी ब्रेबोर्न कॉलेज की प्रिंसिपल शिउली सरकार ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने से ओबीसी आरक्षण को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई है। ऐसे में यह पहचान करना मुश्किल हो गया है कि ओबीसी कैटेगरी ए और बी में किसे सूचीबद्ध किया जाएगा। इसीलिए प्रवेश आवेदन की तारीख बढ़ा दी गई है।’ ऑल बंगाल प्रिंसिपल्स काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष पूर्ण चंद्र मैती के अनुसार, ‘इससे राज्य में न केवल सामान्य डिग्री कॉलेजों बल्कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी प्रवेश के लिए संयुक्त परिणामों के प्रकाशन में और देरी होगी।’ राज्य में उच्च शिक्षा में प्रवेश और भर्ती में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण मामले की सुनवाई मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में नहीं हुई। ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग ने कॉमन एडमिशन पोर्टल (CAP) के माध्यम से स्नातक के लिए आवेदन की तारीख 25 जुलाई तक बढ़ा दी। हालांकि, शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने शाम को अपने ईमेल हैंडल पर लिखा, ‘छात्रों की सुविधा के लिए, हमने मुख्यमंत्री के निर्देश पर आवेदन की समय सीमा 10 दिन और बढ़ा दी है।’ सूत्रों के अनुसार, उस दिन शाम 6 बजे तक 3 लाख 48 हजार 294 विद्यार्थियों ने अपना नाम दर्ज कराया और 19 लाख 93 हजार 433 आवेदन जमा किए। इनमें से 3,787 छात्र दूसरे राज्यों के हैं। हालांकि राज्य के 477 कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में फिलहाल 9 लाख 48 हजार 737 सीटें हैं। नतीजतन, बड़ी संख्या में सीटें खाली रह जाएंगी, जो जानकारों के लिए तय है। क्योंकि, इस बार हायर सेकेंडरी परीक्षा में 4 लाख 30 हजार 286 नियमित परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं। पिछले साल यह संख्या 6 लाख 79 हजार 784 थी। तब भी, CAP के जरिए स्नातक में 4 लाख 44 हजार से कुछ ज्यादा छात्रों को दाखिला मिला था।
राज्य ने उच्च शिक्षा में प्रवेश की समय सीमा बढ़ाई
