सऊदी प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल का 36 साल की उम्र में निधन हो गया है. उनके परिवार ने इसकी पुष्टि कर दी है. प्रिंस अल-वलीद बिन खालिद बिन तलाल ने अपनी जिंदगी के आखिरी दो दशक कोमा में बिताया और इस कारण उन्हें सऊदी अरब के “स्लीपिंग प्रिंस” के रूप में जाना जाता है. 15 साल की उम्र में कोमा में गए प्रिंस अल-वलीद ने कोमा में ही दुनिया को अलविदा कहा है. सोशल मीडिया पर उनकी मृत्यु की घोषणा करते हुए, स्लीपिंग प्रिंस के पिता ने पवित्र कुरान की एक आयत लिखी, “हे शांत आत्मा, अपने प्रभु के पास लौट आओ, जो प्रसन्न और प्रसन्न है. मेरे (धर्मी) सेवकों के बीच प्रवेश करो और मेरे स्वर्ग में प्रवेश करो.” प्रिंस खालिद ने घोषणा की है कि अंतिम संस्कार की प्रार्थना रविवार को होगी. उन्होंने कहा कि श्रद्धांजलि अर्पित करने के इच्छुक लोगों के लिए अगले तीन दिनों – रविवार, सोमवार और मंगलवार – में शोक सभाएं आयोजित की जाएंगी. जब दुर्घटना हुई तब सऊदी प्रिंस अल-वलीद एक सैन्य कॉलेज के छात्र थे. उनकी मृत्यु एक लंबे और हृदयविदारक अध्याय के अंत का प्रतीक है जिसने सऊदी अरब और उसके बाहर के दिलों को छू लिया. वह 2005 में लंदन में एक कार दुर्घटना के बाद से कोमा में थे, जब वह सिर्फ 15 साल के थे. उन्हें गंभीर मस्तिष्क रक्तस्राव (ब्रेन हेमरेज) हुआ और उन्हें रियाद के किंग अब्दुलअजीज मेडिकल सिटी में शिफ्ट किया गया. वहां वे सालों तक वेंटीलेटर पर कोमा की स्थिति में ही रहे. मेडिकल फिल्ड के कई एक्सपर्ट से दिखाने के बावजूद उन्हें कभी होश नहीं आया.
सऊदी अरब के राजकुमार की 20 साल कोमा में रहने के बाद मौत
