रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी के मुख्यालय में पेश हुए। उनकी कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपये के कर्ज नहीं चुकाने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया था। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें 5 अगस्त को पेश होने के लिए तलब किया था। इसी के तहत उद्योगपति मुकेश अंबानी के भाई रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी मंगलवार सुबह 10:50 बजे मध्य दिल्ली स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे। सरकारी सूत्रों के अनुसार, 66 वर्षीय उद्योगपति का बयान धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज किया गया है। इससे पहले, 24 जुलाई को ईडी ने रिलायंस समूह की 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के 35 ठिकानों पर व्यापक तलाशी ली थी। ईडी ने लुकआउट नोटिस इसलिए जारी किया था ताकि अनिल अंबानी इस वित्तीय धोखाधड़ी की जांच के दौरान देश से बाहर न जा सकें। हाल ही में ईडी ने ओडिशा की एक कंपनी के एमडी पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अनिल अंबानी समूह की एक कंपनी के लिए 68 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी दी थी। वहीं से अनिल अंबानी के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के आरोप सामने आए। सूत्रों ने बताया कि अनिल अंबानी और बिस्वाल को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सकती है। आरोप है कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर (आर इंफ्रा) समेत अनिल अंबानी की कई कंपनियों ने अवैध तरीके से 17,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने अंबानी की कंपनियों को करीब 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। इस बड़ी रकम को फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किए जाने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, ईडी को शक है कि कर्जमाफी मिलने से पहले यस बैंक के प्रमोटरों ने अपनी-अपनी कंपनियों में पैसा प्राप्त किया था
अनिल अंबानी ईडी कार्यालय में पेश हुए
