प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर में अशांति शुरू होने के करीब ढाई साल बाद दौरे पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री 13 सितंबर को मिजोरम होते हुए मणिपुर जा सकते हैं। मोदी के मणिपुर दौरे की चर्चा रविवार को शुरू हुई थी। आखिरकार मिजोरम सरकार ने सोमवार देर रात उनके दौरे की घोषणा की। दौरे का पूरा कार्यक्रम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। इस बार प्रधानमंत्री मिजोरम के बैरवी से सैरांग तक रेलवे लाइन का उद्घाटन करेंगे। दिल्ली से मिजोरम आने के बाद वह एक सरकारी कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे और हवाई मार्ग से मणिपुर पहुंचेंगे। 51.38 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन आइजोल को असम के सिलचर से जोड़ेगी। इसलिए सिलचर के रास्ते देश के दूसरे छोर से आइजोल पहुंचना आसान होगा। पूर्व से शुरू होकर पूर्वोत्तर भारत के विकास को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने ‘एक्ट ईस्ट’ नीति अपनाई है। केंद्र सरकार नई रेल लाइन बिछाकर संपर्क व्यवस्था को मजबूत करना चाहती है। माना जा रहा है कि इससे न केवल परिवहन बल्कि व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। मई 2023 में शुरू हुई झड़पों के बाद से यह प्रधानमंत्री का पहला मणिपुर दौरा होगा। कांग्रेस से लेकर तृणमूल तक, कई दलों ने बार-बार चुटकी ली है कि प्रधानमंत्री के पास विदेश यात्रा के लिए तो समय है, लेकिन मणिपुर जाने के लिए समय नहीं है। इस बार, प्रधानमंत्री के मणिपुर दौरे की घोषणा उनके जापान और चीन दौरे के समाप्त होने के ठीक बाद की गई। कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। हालाँकि, सोमवार सुबह से ही मिज़ो प्रशासन के भीतर गतिविधियाँ शुरू हो गई हैं। मुख्य सचिव खिल्लीराम मीणा ने प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। ज्ञात हो कि रेलवे लाइन के उद्घाटन के दौरान स्कूल और कॉलेज के छात्र और अन्य लोग मौजूद रहेंगे। बैठक में इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा हुई। दौरे के दौरान सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। मंगलवार को भी कई बैठकें होने वाली हैं। मई 2023 से, कुकी और मैतेई दो जनजातियों के बीच झड़पों के कारण मणिपुर में संघर्ष चल रहा है। दो साल से ज़्यादा समय से चल रही अशांति के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। संघर्ष को रोकने की कोशिश में सुरक्षा बलों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की ख़बरें भी सुर्ख़ियों में रही हैं। बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था की ज़िम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफ़ा दे दिया है। मणिपुर में फ़िलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है। ऐसे में, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं ने बार-बार मणिपुर का दौरा किया है। उन्होंने संघर्ष रोकने का संदेश दिया है। उन्होंने सभी शोक संतप्त परिवारों से बात की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी गए हैं। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी नहीं गए। और इस पर आलोचनाओं का तूफ़ान आ गया। अब पता चला है कि प्रधानमंत्री मणिपुर जा रहे हैं। सबकी नज़र इस पर है कि प्रधानमंत्री मणिपुर से क्या संदेश देते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष के दबाव में लगभग ढाई साल के अंतराल के बाद अग्नि-प्रलयग्रस्त मणिपुर का दौरा कर रहे हैं
