विधानसभा चुनाव अभी कुछ महीने दूर हैं। बिहार में इनसे पहले हलचल मची हुई है। चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची (विशेष गहन पुनरीक्षण, एसएआर) में संशोधन के फैसले को लेकर आलोचनाओं का दौर जारी है। इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रोज़गार को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगले पाँच साल में एक करोड़ युवाओं को रोज़गार मिलेगा। राजनीतिक हलके का एक बड़ा तबका मानता है कि बिहार सरकार ने चुनाव से पहले मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए इस तरह का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के युवाओं को विभिन्न शारीरिक श्रम सिखाकर और उनके कौशल को निखारकर 2030 तक इतने रोज़गार पैदा किए जाएँगे। और उस काम को गति देने के लिए लोकनायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक ‘कौशल विश्वविद्यालय’ भी स्थापित किया जाएगा। रविवार को नीतीश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “हमारा लक्ष्य 2025-2030 के पांच वर्षों के भीतर राज्य के एक करोड़ युवाओं को रोजगार प्रदान करना है। हम सरकारी क्षेत्र के साथ-साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए हम एक उच्च स्तरीय समिति बना रहे हैं।” उन्होंने पोस्ट में आगे लिखा, “अब तक 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है। कुल मिलाकर 39 लाख को नौकरी मिली है। हमने 50 लाख युवाओं को नौकरी देने का फैसला किया था। वह लक्ष्य निश्चित रूप से पूरा होगा। इस बार हमारा लक्ष्य दोगुना रोजगार प्रदान करना है।” इस पोस्ट में उन्होंने लोक नायक कर्पूरी ठाकुर के नाम पर एक ‘कौशल विश्वविद्यालय’ बनाने की भी घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि 2020 से 2025 के बीच बिहार के 8 लाख नागरिकों को विभिन्न सरकारी विभागों में नौकरी मिली। इस संख्या को और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है। लेकिन चुनाव आयोग के इस फैसले को लेकर हलचल मच गई है। चुनाव से पहले आयोग नियमानुसार मतदाता सूची की जाँच का काम कर रहा था। यह काम इसी साल जनवरी में पूरा हुआ था। फिर 24 जून को आयोग ने मतदाता सूची की दोबारा जाँच करने का फैसला किया। इस कदम का आधिकारिक नाम विशेष गहन पुनरीक्षण (SAR) है। विपक्षी दलों का दावा है कि इस फैसले से कई मतदाता सूची से बाहर हो जाएँगे। अपनी मांगों को ध्यान में रखते हुए, भारत खेमे ने बिहार बंद का भी आह्वान किया है। इसके अलावा, तृणमूल सांसद महुआ मैत्रा समेत कुछ लोगों ने आयोग के इस फैसले का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में मामला भी दायर किया है। ऐसे में नीतीश ने एक करोड़ नौकरियों का ऐलान कर सबको चौंका दिया।
5 साल में एक करोड़ युवाओं को मिलेगी नौकरी, चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान
