’22 अप्रैल का बदला 22 मिनट में’, ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

भारतीय सेना ने २२ मिनट में २२ अप्रैल को पहलगांव में हुए भीषण आतंकवादी हमले का बदला ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान यह बात कही। साथ ही, उन्होंने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर पहली बार था जब भारत ने पाकिस्तान में अंदर तक घुसकर इस तरह का हमला किया था, जो पहले कभी नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री ने यह भी दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए पूरी दुनिया ने आत्मनिर्भर भारत की ताकत देखी है। मोदी ने कहा, “मैंने पहलगांव में हुए हमले के बाद कहा था कि इस हमले के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। ऐसी सजा मिलेगी कि उनकी नींद उड़ जाएगी। ऑपरेशन सिंदूर में हमने पाकिस्तान में घुसकर ऐसा जवाब दिया कि आतंकवादी अभी भी सो नहीं रहे हैं। पहलगांव में हुए हमले के बाद, पाकिस्तानी सेना को पता था कि भारत कुछ बड़ा करने वाला है। परमाणु हमले की धमकियाँ भी दी जा रही थीं। उसके बाद भी, 6 मई की रात से 7 मई की सुबह के बीच, हमारी सेना ने तय योजना के मुताबिक़ वही किया जो तय था।” मोदी ने यह भी कहा, ‘पहले आतंकियों को पता था कि भारत पर हमला करने पर भी कुछ नहीं होगा। लेकिन अब भारत पर हमला करने के बाद आतंकियों के सिर नहीं सोते। क्योंकि उन्हें पता है कि भारत आएगा और मारेगा। यह नया भारत है।’ मोदी से पहले बोलते हुए विपक्षी नेता राहुल गांधी ने भारत की विदेश नीति की कड़ी आलोचना की थी। जवाब में मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, ‘यहां विदेश नीति को लेकर बहुत बातें होती हैं। दुनिया के किसी भी देश ने अभी तक भारत को अपनी आत्मरक्षा में कोई भी कार्रवाई करने से नहीं रोका है। संयुक्त राष्ट्र में 193 देशों में से केवल तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बात की है। इसके अलावा, दुनिया के सभी देशों ने भारत का समर्थन किया है।’ कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘दुनिया के तमाम देशों ने हमारा साथ दिया, लेकिन कांग्रेस ने हमारे देश के वीर जवानों के पराक्रम का साथ नहीं दिया। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद तीन-चार दिन तक वे उछल-कूद कर रहे थे। कह रहे थे, छप्पन इंच का सीना कहाँ है, मोदी कहाँ गया! उन्हें लगा कि वे बाजी जीत गए हैं। पहलगांव में निर्दोष लोगों के नरसंहार में भी वे अपना राजनीतिक स्वार्थ ढूंढ रहे थे, मुझे निशाना बना रहे थे। उनकी संकीर्णता और स्वार्थी राजनीति सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ रही थी। उन्हें भारतीय सेना पर भी भरोसा नहीं है। इसीलिए वे ऑपरेशन सिंदूर को लेकर लगातार सवाल उठा रहे हैं। इस तरह वे मीडिया की खबरों में तो बने रह सकते हैं, लेकिन देशवासियों के दिलों में जगह नहीं बना पाते।’

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