रीजेंट पार्क में एक बुजुर्ग की रहस्यमयी मौत से हड़कंप मच गया है। रविवार को उनके घर से उनका लटकता हुआ शव बरामद किया गया। मृतक का नाम दिलीप कुमार साहा है। वह रीजेंट पार्क के आनंदपल्ली पश्चिम का निवासी है। प्रवीण ढाकुरिया के एक स्कूल में नॉन टीचिंग स्टाफ सदस्य था। उनके परिवार का दावा है कि दिलीप को डर था कि अगर एनआरसी लागू हुआ तो उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा। पता चला है कि रविवार सुबह उनकी पत्नी ने उनके घर का दरवाजा अंदर से बंद पाया और कई बार आवाज लगाई। लेकिन दिलीप ने कोई जवाब नहीं दिया। उसके बाद, उन्होंने बगल के घर से एक रिश्तेदार को बुलाया। उस रिश्तेदार ने उन्हें दरवाजा तोड़ने की सलाह दी। दरवाजा तोड़ने पर दिलीप साहा का लटकता हुआ शव बरामद किया गया। परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव बरामद किया। पता चला है कि पुलिस ने एक सुसाइड नोट भी बरामद किया है। उसकी भी जांच की जा रही है। दिलीप के परिवार का दावा है कि वह पिछले एक हफ्ते से मानसिक अवसाद से जूझ रहे थे। दिलीप 1972 में ढाका के नवाबगंज से कोलकाता आए थे। उन्हें यह भी डर सताने लगा था कि अगर एनआरसी लागू हुआ तो उन्हें वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा। क्या बुज़ुर्ग ने डर के मारे आत्महत्या का रास्ता चुना? सवाल उठता है। मृतक की पत्नी आरती साहा ने कहा, “हमारे पास इस देश के नागरिक होने के सारे दस्तावेज़ हैं, वोटर कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक। फिर भी उन्हें डर क्यों लग रहा है!” पुलिस ने अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना के बाद राज्य के मंत्री अरूप बिस्वास ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नाराज़गी जताई है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार लोगों को चैन से जीने नहीं दे रही है। वह डर पैदा कर रही है। उन्होंने बंगाल के लोगों को चावल से, खून से और पानी से मारने की योजना बनाई है।”
NRC के डर से रीजेंट पार्क में बुज़ुर्ग ने की आत्महत्या! सुसाइड नोट भी बरामद
