मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को मंच से बोलते हुए भाजपा शासित राज्यों में बांग्ला भाषियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने ‘भाषा आंदोलन’ का आह्वान किया। इस बार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ (HRW) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए फिर से अपनी बात रखी। ममता बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा काल में बांग्ला भाषी भारतीयों (विभिन्न जातियों और समुदायों के) को मनमाने ढंग से प्रताड़ित किया जा रहा है और निकाला जा रहा है, इस अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने अपनी प्रकाशित रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है। उन्होंने इस संबंध में एक पोस्ट एक्स हैंडल पर शेयर की। वहां उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें हम जो कह रहे थे, वही बताया गया है।’ ममता बनर्जी ने एक्स हैंडल पर शेयर की गई पोस्ट में यह भी उल्लेख किया, ‘HRW की एशिया निदेशक एलेन पियर्सन ने कहा कि भाजपा मनमाने ढंग से भारतीय बंगालियों को देश से निकालकर भेदभाव को बढ़ावा दे रही है। घुसपैठियों से निपटने के लिए सरकार जो सिद्धांत सामने रख रही है, वह विश्वसनीय नहीं है।’ एचआरडब्ल्यू के अनुसार, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बावजूद भाजपा शासित राज्यों असम, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली में ऐसी घटनाएँ हो रही हैं। इसी जानकारी को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र और भाजपा शासित राज्यों के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा, “भारत में फैला भाषाई आतंक अब अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के ध्यान में आ गया है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।” गौरतलब है कि इससे पहले ममता ने 21 जुलाई को मंच से पूरे राज्य में ‘भाषा आंदोलन’ का आह्वान किया था। इस बार उन्होंने हमले का सुर और तीखा कर दिया है।
Human Rights Watch Report : ‘बीजेपी बंगालियों को देश से बाहर निकालकर भेदभाव को बढ़ावा दे रही है’, ममता ने फिर उठाया अंतरराष्ट्रीय रिपोर्ट का मुद्दा
