झारखंड इस मौसम में भारी बारिश का सामना कर रहा है। जून से सितंबर तक पिछले चार महीनों में हुई लगातार बारिश ने पूरे राज्य को लगभग पूरी तरह से तबाह कर दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारी बारिश और संबंधित आपदाओं में कम से कम 458 लोग मारे गए हैं। हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कृषि भूमि नष्ट हो गई है। विभिन्न राज्य विभागों से एकत्र आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 186 मौतें बिजली गिरने से हुईं। अन्य 178 की मौत डूबने से हुई। बाकी मौतें बाढ़, भूस्खलन और घर गिरने के कारण हुईं। राज्य भर में कम से कम 467 घर मानसून में पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों की संख्या 8,000 को पार कर गई है। लगभग 2,390 हेक्टेयर कृषि भूमि पर फसलें बर्बाद हो गई हैं। इनमें से रांची, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा जिलों में स्थिति सबसे खराब है। रांची मौसम विभाग के निदेशक अभिषेक आनंद ने बताया, “झारखंड में 1 जून से 30 सितंबर के बीच 1,199.5 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 18 फीसदी अधिक है। यह पिछले दस सालों में सबसे अधिक है। इससे पहले 2016 में रिकॉर्ड 1,101.8 मिमी बारिश हुई थी।” मौसम ब्यूरो के पूर्वानुमान के अनुसार, दिवाली और छठ पूजा के दौरान राज्य में ‘गुलाबी ठंड’ पड़ेगी! यानी हल्की ठंड, लेकिन बाद में ठंड का प्रकोप बढ़ सकता है। आनंद ने बताया, “इस साल की सर्दी का प्रकोप ला नीना, हवा की दिशा में बदलाव और हिमालय में बर्फबारी पर निर्भर करेगा।” हालांकि बारिश की दर कम होने लगी है, लेकिन मौसम ब्यूरो ने 12 अक्टूबर तक राज्य के कुछ इलाकों में मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार, कुछ जगहों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इसके बाद राज्य में शुष्क मौसम लौट आएगा।
झारखंड में फिर बारिश का कहर! 4 महीने में कम से कम 458 लोगों की जान गई