चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में हाइड्रोजन से चलने वाले ट्रेन कोच का पहला सफल परीक्षण पूरा हो गया है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स हैंडल पर वीडियो शेयर किया है। केंद्र सरकार अगस्त के अंत तक इस ट्रेन को व्यावसायिक रूप से लॉन्च करने की योजना बना रही है। रेलवे सूत्रों के अनुसार, हाइड्रोजन से चलने वाली यह ट्रेन सामान्य लोकल ट्रेन जैसी दिखती है। लेकिन इसकी गति काफी अधिक है। यह 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी। इसमें 8 डिब्बे होंगे। दोनों तरफ दो हाइड्रोजन से चलने वाले इंजन डिब्बों को खींचेंगे। फिलहाल यह जानकारी है कि यह ट्रेन उत्तर रेलवे के जींद-सोनीपत रूट पर चलाई जाएगी। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के महाप्रबंधक सुब्बा राव ने कहा, “पावर कार (ड्राइविंग पावर कार) परीक्षण का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया है। अगले दो हफ्तों में दूसरे पावर कार का परीक्षण किया जाएगा। उसके बाद पूरी ट्रेन का।” 1,200 हॉर्सपावर की इस हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन का ट्रायल रन चेन्नई के विलिवक्कम में होना है। यह ट्रेन हाइड्रोजन से कैसे चलेगी? सुब्बा राव कहते हैं, “सबसे पहले हम हाइड्रोजन से बिजली बनाते हैं। उस बिजली को बैटरी में स्टोर किया जाता है। उसके बाद, बैटरी की बिजली को दूसरे रेक्टिफायर्स और इलेक्ट्रिकल सिस्टम के ज़रिए ट्रेन के पहियों से जुड़ी ट्रैक्शन मोटर तक भेजा जाता है।” उत्तर रेलवे ने इस ट्रेन के लिए हाइड्रोजन उत्पादन का कारखाना बनाया है। इंटीग्रल कोच फ़ैक्टरी जल्द ही इस ट्रेन को भारतीय रेलवे को सौंप देगी। उसके बाद, कुछ और परीक्षण किए जाएँगे। सुरक्षा पहलू की भी जाँच की जाएगी। अगर सभी चरण सफलतापूर्वक पूरे हो जाते हैं, तो देश की पहली हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च कर दी जाएगी।
देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन पहले परीक्षण में सफल
