अफ्रीकी देश मोरक्को में जैसे-जैसे गर्मी की लहरें तेज होती जा रही हैं. सरकार की ओर से मोरक्को निवासियों को चेतावनी देने के प्रयास तेज कर दिए हैं. देश में कई भाषाएं होने से लोगों को उन्हीं की भाषा में चेतावनियां दी जा रही हैं, ताकि वो सजग रहें, सतर्क रहें और अपना बचाव कर सकें. गौर करें तो मोरक्को में बोली जाने वाली लगभग सभी भाषाओं को लहौसेन यूआबद जानते हैं. इस तरह से देश में बढ़ती जलवायु-संबंधी जोखिमों के बारे में लोगों को चेतावनी देने में उनकी भूमिका खास होती है. इस समय तेज गर्मी पड़ रही है. लोग गर्मी की वजह से काफी परेशान हैं. ऐसे में वो कई भाषाओं में चेतावनी जारी करते हैं. ये वॉर्निंग लोगों के लिए कारगर रहती है. राष्ट्रीय मौसम सेवा में मौसम विज्ञान इंजीनियर 52 वर्षीय यूआबद ने एएफपी को बताया, “हर बार जब मौसम की चेतावनी जारी की जाती है, तो मैं मोरक्को के लोगों को चेतावनी देने के लिए मीडिया पर जाता हूं.” बीते एक दशक से यह उनका ये मिशन रहा है. टीवी और रेडियो स्टेशनों पर जाकर ज़्यादा से ज़्यादा समय तक मोरक्को के लोगों तक संदेश पहुंचाना, ताकि लोग जागरूक रहकर गर्मी या अन्य मौसम की मुस्किलों से बच सकें. खासतौर पर दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. यूआबद ने कहा कि ग्रामीण “खुश हैं कि हम उनकी भाषा बोलते हैं” बोलचाल की अरबी की बोलियां या अमज़ी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली बोलियां होती हैं. इन्हें अपडेट करके चेतावनियां जारी की जाती हैं. और लोगों से मौसम के कहर से बचाव करने के लिए सिफारिशें जारी की जाती हैं. और ये सुझाव और चेतावनी उनके लिए जीवन-रक्षक हो जाती हैं. मौसम विज्ञान महानिदेशालय (डीजीएम) ने हाल ही में 2024 को मोरक्को का सबसे गर्म वर्ष घोषित किया है. यहां औसत वर्षा में भारी कमी यानी कि -24.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है. इस तरह से बारिश की ये कम दर उत्तरी अफ्रीकी देश में लगातार सातवें साल सूखे का कारण बना हुआ है. गौर करें तो इस साल जून के अंत में, जब घातक गर्मी ने मोरक्को से भूमध्य सागर के पार दक्षिणी यूरोप के बड़े क्षेत्रों को प्रभावित किया, तो डीजीएम ने कहा कि कई शहरों ने उस महीने के तापमान के अपने रिकॉर्ड तोड़ दिए. कैसाब्लांका में राष्ट्रीय मौसम सेवा के अंतरिम प्रमुख मेरीम अलाउरी ने एक मौसम पूर्वानुमान मानचित्र प्रदर्शित करते हुए कहा कि आने वाले गर्मियों के महीने सामान्य से भी अधिक गर्म होने की उम्मीद है. वैज्ञानिकों का कहना है कि बार-बार आने वाली गर्मी की लहरें ग्लोबल वॉर्मिंग का एक स्पष्ट संकेत हैं. इसके साथ ही यहां गर्मी का दौर और लंबा और अधिक तीव्र हो सकता है. इस तरह से देखें तो मानव-चालित जलवायु परिवर्तन से प्रेरित होकर साल 2024 वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म वर्ष था. इसके साथ ही और साल 2025 को शीर्ष तीन में स्थान मिलने का अनुमान है.
मोरक्को में गर्मी का कहर, दी जा रही है पब्लिक को वॉर्निंग
