बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश में मतदाता सूचियों का चरणबद्ध विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जाएगा। देश भर में एसआईआर कराने से पहले, आयोग 10 सितंबर को एक बैठक कर रहा है। इस बैठक में सभी मुख्य निर्वाचन अधिकारी मौजूद रहेंगे। विभिन्न मीडिया सूत्रों के अनुसार, मतदाता सूचियों के अगले गहन पुनरीक्षण पर विस्तृत चर्चा हो सकती है। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को उस बैठक में एक पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन देने के लिए कहा गया है। बैठक में कुल दस बिंदुओं पर चर्चा होगी। ये विषय हैं –
1) संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश में कितने मतदाता हैं?
2) अंतिम एसआईआर की पात्रता तिथि
3) अंतिम एसआईआर में मतदाताओं की संख्या
4) क्या अंतिम एसआईआर की मतदाता सूची का डिजिटलीकरण कर उसे सीईओ की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है?
5) वर्तमान मतदाताओं की अंतिम एसआईआर में मतदाताओं के साथ मैपिंग की स्थिति
6) केवल भारतीय नागरिकों की सूची में शामिल करने के लिए और कौन से दस्तावेज़ सुझाए जा सकते हैं?
7) 1200 मतदाताओं के आधार पर बूथ निर्माण की प्रक्रिया
8) बूथ निर्माण के बाद कुल मतदान केंद्रों की संख्या
9) क्या जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचन अधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी, बीएलओ और बीएलए की नियुक्ति और प्रशिक्षण हो चुका है?
10) कोई अन्य सुझाव
प्रत्येक मुख्य निर्वाचन अधिकारी से इन मुद्दों पर अपने विचार और उचित उत्तर देने को कहा गया है। 24 जून को, चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर आयोजित करने के लिए एक अधिसूचना जारी की थी। उस समय, आयोग ने कहा था कि एसआईआर पूरे देश में आयोजित किया जाएगा। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 21 के तहत, आयोग को मतदाता सूची के विशेष व्यापक पुनरीक्षण का आदेश देने का अधिकार है, जिसमें एक नई सूची तैयार करना भी शामिल है। यह प्रक्रिया बिहार से शुरू हो चुकी है। दरअसल, आयोग ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि पश्चिम बंगाल में भी जल्द ही एसआईआर (विशेष मतदाता सूची संशोधन) किया जाएगा।