ड्रोन से मिसाइलें दागी जाएंगी! देश के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने ऐसा ही एक परीक्षण किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आंध्र प्रदेश में यह परीक्षण सफल रहा। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन के झुंड भेजकर हमले की कोशिश की थी। शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि ड्रोन से मिसाइल दागने का यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल में किया गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “DRDO ने यूएवी प्रिसिजन गाइडेड मिसाइल (ULPGM)-V3 का सफल परीक्षण किया है। यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के कुरनूल स्थित नेशनल ओपन एरिया रेंज (NOAR) में किया गया।” रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इससे पहले DRDO ने ULPGM-V2 विकसित किया था। यह मिसाइल इसका उन्नत संस्करण है। ULPGM-V3 विभिन्न प्रकार के लक्ष्यों पर हमला करने में सक्षम है। इस मिसाइल को जमीन पर और अधिक ऊंचाई पर ड्रोन से दागा जा सकता है। यह मिसाइल दिन हो या रात, किसी भी समय लक्ष्य पर वार कर सकती है। ULPGM-V3 आधुनिक हथियारों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। इस परीक्षण में मिसाइल को एक मानवरहित हवाई वाहन से दागा गया था। इस मिसाइल को बेंगलुरु स्थित भारतीय स्टार्ट-अप न्यूस्पेस रिसर्च टेक्नोलॉजीज ने भी विकसित किया है। डीआरडीओ अन्य भारतीय कंपनियों द्वारा विकसित उच्च-धीरज यूएवी के साथ काम करना चाहता है। अनुसंधान एजेंसी इस विशेष यूएवी पर लंबी दूरी के यूएलपीजीएम हथियार का परीक्षण करना चाहती है। मंत्रालय ने कहा कि अडानी डिफेंस, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और 30 छोटे और मध्यम उद्यमों और स्टार्ट-अप ने इस परियोजना में भाग लिया है। इस बीच, बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद की अवधि में भारत-पाकिस्तान सीमा पर एक ड्रोन स्क्वाड्रन बनाने पर ध्यान केंद्रित किया है। सूत्रों के अनुसार, स्क्वाड्रन को 2,000 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर कई विशेष चौकियों पर तैनात किया जाएगा। ड्रोन स्क्वाड्रन उत्तर में जम्मू से लेकर पश्चिम में पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक पाकिस्तान सीमा के पास कई स्थानों पर स्थित होगा।
डीआरडीओ ने ड्रोन से मिसाइल हमले का सफल परीक्षण किया
