उत्तराखंड में भारी बारिश से फिर भूस्खलन, 3 की मौत, 5 लापता, रुद्रप्रयाग में कई लोगों के फंसे होने की आशंका

देवभूमि उत्तराखंड एक बार फिर प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर रहा है। गुरुवार रात रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हुई। जिससे इलाके में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। कई जगहों पर भूस्खलन भी हुआ है। एक दंपत्ति समेत 8 लोग लापता हैं। कई परिवारों के मलबे में दबे होने की आशंका है। आपदा मोचन बलों ने युद्धकालीन गतिविधियों में बचाव अभियान शुरू कर दिया है। भारी बारिश में रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में कई घर, दुकानें और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। सबसे ज्यादा नुकसान चमोली जिले में हुआ है। हालांकि, उस क्षेत्र के निवासियों को तेजी से निकालने के कारण अभी तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, चमोली जिले के थराली बाजार क्षेत्र में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है। जिससे कई घर, दुकानें और वाहन मलबे में दब गए हैं। चमोली जिले के देवाल के मोपाटा क्षेत्र निवासी तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता हैं। प्राकृतिक आपदा के कारण विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हो गए। यहां तक ​​कि उनकी गौशाला भी मलबे में दब गई। जहां करीब 15 से 20 मवेशियों के दबे होने की खबर है। इसके अलावा इलाके के कई निवासी लापता हैं। स्थानीय प्रशासन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रहा है। फंसे हुए लोगों को तेजी से बचाने और प्रभावित इलाकों से मलबा हटाने का काम शुरू हो चुका है। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट भी किया है। पोस्ट में कहा गया है, ‘स्थानीय प्रशासन, आपदा प्रतिक्रिया बलों और जिला अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखा जा रहा है। बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है।’ प्रशासन ने स्थानीय लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही, यह सलाह दी गई है कि जब तक कोई आपात स्थिति न हो, घर से बाहर न निकलें।

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