पश्चिम बंगाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट में एक और बड़ी कानूनी जीत मिली है। बुधवार को देश की शीर्ष अदालत के जस्टिस बी वी नागरत्ना और के वी विश्वनाथन की पीठ ने फैसला सुनाया कि राज्य सरकार हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड को उसके ऑटोमोबाइल कारखाने के विस्तार के लिए दी गई 395 एकड़ जमीन वापस ले सकेगी। कैबिनेट की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद, हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड ने इस आरोप पर कैबिनेट की बैठक में विस्तृत चर्चा के बाद जमीन वापस करने का आदेश जारी किया था कि इस बहुमूल्य जमीन को लेने के बावजूद इसे वर्षों तक बिना इस्तेमाल के छोड़ दिया गया था। ऑटोमोबाइल निर्माता ने इस आदेश के खिलाफ कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। पिछले मई में, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा था कि हिंदुस्तान मोटर्स को राज्य द्वारा दी गई जमीन वापस करनी चाहिए, क्योंकि कंपनी ने किसी भी उद्देश्य के लिए जमीन का इस्तेमाल नहीं किया था। बाद में हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। बुधवार को हिंदुस्तान मोटर्स बनाम पश्चिम बंगाल सरकार मामले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी वी नागरत्न और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने फैसला सुनाया कि कार निर्माता कंपनी राज्य द्वारा दी गई ज़मीन को अपने कब्ज़े में नहीं रख सकती। उन्हें यह ज़मीन तुरंत राज्य को वापस करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट में चली इस कानूनी लड़ाई में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी, राकेश द्विवेदी और सदन फरासत ने पैरवी की। वहीं, हिंदुस्तान मोटर्स कंपनी की ओर से एक अन्य वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने दलीलें रखीं।
सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत, राज्य सरकार को वापस मिलेगी हिंदुस्तान मोटर्स को दी गई 395 एकड़ जमीन
