अडानी ग्रुप को पूरी तरह से ‘क्लीन चिट’! भारत के शेयर बाजार नियामक सेबी ने हिंडनबर्ग के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है। सेबी ने कहा है कि सभी आरोप निराधार हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप और गौतम अडानी पर स्टॉक मैनिपुलेशन यानी शेयर बाजार में शेयर की कीमत में हेरफेर करने का आरोप लगाया था। इस आरोप में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स और अडानी पावर को आरोपी बनाया गया था। हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप ने अपनी तीन कंपनियों का इस्तेमाल करके ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के बीच पैसे ट्रांसफर किए थे। लेकिन आज सेबी ने दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि जांच में ऐसी किसी भी अनियमितता का कोई सबूत नहीं मिला। सेबी ने यह भी बताया कि उस समय जिस तरह का लेन-देन हुआ था, वह उस समय ‘संबंधित पक्ष लेनदेन’ नियम के अंतर्गत नहीं आता था। 2021 में इस नियम में बदलाव किया गया। इसके अलावा, सभी ऋण चुका दिए गए हैं, धन का उपयोग विशिष्ट उद्देश्यों के लिए किया गया है। कहीं भी कोई धोखाधड़ी या अवैध लेनदेन नहीं हुआ। आज जब यह खबर सामने आई, तो अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी ने ‘X’ हैंडल पर लिखा कि लंबी जाँच के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के दावे को निराधार साबित कर दिया है। उन्होंने यह भी लिखा, “हमने बार-बार कहा है कि पारदर्शिता और ईमानदारी अडानी समूह की नींव हैं। हम उन निवेशकों के प्रति सहानुभूति रखते हैं जो उस फर्जी रिपोर्ट से प्रभावित हुए थे। झूठा प्रचार करने वालों को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए। सत्यमेव जयते! जय हिंद!”
‘कोई अनियमितता नहीं’, सेबी ने अडानी समूह को क्लीन चिट दी