प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन वर्मिलियन पर विपक्ष के लगातार हमलों का जवाब देने जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री बादल सत्र में ही इस मुद्दे पर अपना मुंह खोलने वाले हैं। उनके संसद के दोनों सदनों को संबोधित करने की संभावना है। गौरतलब है कि अगले हफ्ते ऑपरेशन वर्मिलियन पर चर्चा के लिए लोकसभा और राज्यसभा में क्रमशः 16 घंटे और 9 घंटे आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री उस चर्चा के बाद ही संबोधित कर सकते हैं। विपक्षी खेमा संसद में ऑपरेशन वर्मिलियन पर चर्चा की मांग कर रहा है। सरकार ने अगले हफ्ते चर्चा के लिए दोनों सदनों में कुल 25 घंटे आवंटित किए हैं। लेकिन विपक्ष की मांग है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खड़े होकर ऑपरेशन वर्मिलियन और भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर संसद में बयान देना चाहिए। विपक्षी खेमा इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले हफ्ते तक इंतजार करने को तैयार नहीं है। राहुल का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑपरेशन वर्मिलियन पर चर्चा से बचने की कोशिश कर रहे हैं बुधवार को संसद परिसर में खड़े होकर विपक्ष के नेता ने कहा, “एक तरफ सरकार कह रही है कि ऑपरेशन सिंदूर चल रहा है। दूसरी तरफ कह रही है कि हम जीत गए हैं। दूसरी तरफ, डोनाल्ड ट्रंप 25 बार कह चुके हैं कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर रोक दिया है। दाल में कुश न कुश काला है।” राहुल ने कहा, “प्रधानमंत्री इस पर बयान नहीं दे पा रहे हैं। वह कैसे देंगे? क्या कहेंगे? क्या वह मानेंगे कि ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की है? वह ऐसा नहीं कह सकते।” विपक्ष के नेता ने साफ कहा कि भले ही सरकार इसे न माने, लेकिन यह सच है कि ट्रंप ने युद्धविराम की घोषणा की है। यह पूरी दुनिया जानती है। उन्होंने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सरकार कूटनीतिक रूप से विफल रही है।
ऑपरेशन सिंदूर पर विपक्ष का दबाव! आखिरकार संसद को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
