AHMEDABAD PLANE CRASH: प्रारंभिक रिपोर्ट जारी, टेकऑफ के तुरंत बाद बंद हो गए दोनों इंजन

अहमदाबाद एयर इंडिया ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना मामले में प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है. 15 पन्नों की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं. इसमें कहा गया है कि टेकऑफ के तीन सेकेंड बाद ही विमान के दोनों इंजनों के ईंधन के स्विच स्वीच बंद हो गए थे. भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट जारी कर दी है. पिछले महीने 12 जून को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल हवाई अड्डे से बोइंग 787-8 विमान (फ्लाइट AI 171) उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस दुर्घटना में 260 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें 229 यात्री, 12 चालक दल के सदस्य और 19 लोग उस मकान और उसके आसपास थे. इस हादस में एक यात्री चमत्कारिक रूप से बच निकला था. जांच रिपोर्ट में घटनाओं के उस भयावह दृश्य का उल्लेख किया गया है जो उड़ान भरने के 90 सेकंड के भीतर घटित हुआ. जांच रिपोर्ट के अनुसार जब विमान के दोनों इंजन प्रारंभिक चढ़ाई के दौरान अप्रत्याशित रूप से बंद हो गए. इसके परिणामस्वरूप विमान का थ्रस्ट बहुत कम हो गया और विमान तेजी से नीचे उतर गया. जांच रिपोर्ट में ये चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है कि विमान के उन्नत एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (ईएएफआर) से प्राप्त उड़ान डेटा से पता चला कि दोनों इंजनों के ईंधन के स्विच उड़ान के कुछ ही क्षणों बाद एक ऊंचाई पर एक सेकंड के अंतराल में एक के बाद एक अनजाने या असावधानी से कटऑफ यानी बंद हो गए. जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि कॉकपिट में दोनों पायलट आपस में फ्यूल स्वीच ऑफ को लेकर बात की. वॉयस रिकॉर्डर में ये सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से ये पूछा ‘आपने विमान क्यों बंद कर दिया?, जिसके जवाब में कहा गया, ‘मैंने नहीं किया.’ इस तरह स्वीच बंद होने के चलते फ्लाइट तुरंत ही ऊंचाई खोनी शुरू कर दी और वह ऊंचाई पकड़ने की रफ्तार को जारी रखने में असमर्थ हो गयी. एएआईबी की रिपोर्ट के अनुसार पायलटों ने दोनों इंजनों को फिर से चालू करने के लिए ईंधन स्विच को फिर से चालू किया. एक इंजन में थ्रस्ट ठीक होने के संकेत मिले, जबकि दूसरे इंजन के ठीक होने के संकेत नहीं मिले. विमान जो कुछ समय के लिए 180 नॉट की गति तक पहुँच गया था अचानक गति खोने लगा और ऊंचाई पर वापस नहीं आ पा रहा था. अंतिम संकट संदेश – ‘मेयडे’ हवाई अड्डे के बाहर कुछ ही दूरी पर आवासीय भवनों से टकराने से कुछ ही सेकेंड पहले भेजे गए. विमान ने बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास समेत कई इमारतों को टक्कर मारी. इससे पांच इमारतों में आग लगने और इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा. आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) सक्रिय नहीं हुआ और दुर्घटना के पांच मिनट के भीतर ही आपातकालीन सेवाएं शुरू कर दी गई. मलबे का टुकड़े 1000 फीट से भी अधिक तक फैला हुआ पाया पाया गया. इसमें वर्टिकल स्टेबलाइज़र, इंजन और लैंडिंग गियर जैसे प्रमुख पुर्जे इमारतों में धँसे हुए और दुर्घटनास्थल पर बिखरे हुए पाए गए. वीटी- एएनबी (VT-ANB) पंजीकृत यह विमान 2013 में लाया गया था और हाल ही में इसका नियमित रखरखाव किया गया था. उड़ान योग्यता के सभी निर्देशों का पालन किया गया था. ईंधन की गुणवत्ता तय मानकों के अनुरूप होने की पुष्टि की गई थी. दुर्घटना से ठीक पहले इंजन या उड़ान नियंत्रण प्रणालियों से संबंधित किसी भी तकनीकी खराबी की सूचना नहीं मिली थी. दोनों पायलटों के बारे में हाल ही में ड्यूटी में कोई अनियमितता या चिकित्सा संबंधी समस्या की सूचना नहीं मिली थी. इस विमान में पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमित सभरवाल को 15000 से अधिक उड़ान घंटे का अनुभव था. उनकी आयु 56 वर्ष थी. वहीं को-पायलट क्लाइव कुंदर के पास 3400 से अधिक उड़ान घंटे का अनुभव था. उनकी आयु 32 वर्ष थी. दोनों ही पायलट पूर्णतः योग्य थे. संघीय विमानन प्रशासन (एफएए) द्वारा 2018 में जारी एक विशेष सूचना बुलेटिन ने इसी तरह के बोइंग विमानों पर ईंधन नियंत्रण स्विच लॉकिंग तंत्र से जुड़े संभावित मुद्दे की चेतावनी दी थी. हालाँकि, बुलेटिन परामर्श से जु़ड़े थे, ये अनिवार्य नहीं था और एयर इंडिया ने रेकोमेंडेड इंसपेक्शन नहीं किए थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि लॉकिंग सुविधा को हटा दिया गया. फिर भी इस विमान में स्विच से संबंधित कोई दोष रिपोर्ट पहले नहीं मिली थी. एएआईबी टीम, एनटीएसबी (यूएसए), बोइंग, जीई, एफएए, और यूके, पुर्तगाल और कनाडा (जिनके नागरिक पीड़ितों में शामिल थे) की सुरक्षा एजेंसियों के जांचकर्ताओं के साथ समन्वय में कॉकपिट रिकॉर्डिंग, इंजन घटकों, रखरखाव रिकॉर्ड और पायलट कार्यों का विस्तृत विश्लेषण जारी रख रही है. एजेंसी ने तत्काल कोई सुरक्षा अनुशंसा जारी नहीं की है लेकिन आगे के आकलन जारी है. विशेष रूप से ईंधन नियंत्रण प्रणालियों के लिए डिजाइन सुरक्षा उपायों और संभावित मानवीय कारकों के संबंध में. फिलहाल जांच जारी है. जांच टीम संबंधित लोगों और संस्थानों से तथ्य जुटाने में लगी है. इसकी विस्तृत अध्ययन जारी है. अंतिम रिपोर्ट आने वाले महीनों में आने की उम्मीद है. उड़ान संख्या AI171 अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए निर्धारित उड़ान थी. इसमें 230 यात्री और चालक दल सवार थे. यह दुर्घटना हाल के इतिहास में भारत में हुई सबसे घातक विमानन दुर्घटनाओं में से एक है.

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