एक तरफ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनावों से जूझ रहे बिहार के सासाराम से अपनी मतदाता अधिकार यात्रा शुरू की है। उस समय मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने राजधानी में एक बैठक की। उनके साथ अन्य दो आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी मौजूद थे। मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा, “आयोग को 7 दिनों के भीतर एक हलफनामा देना होगा, अन्यथा देश से माफी मांगनी होगी।” आयोग ने आज इस बात पर जोर दिया कि जब मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने की बात आती है, तो पता उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना कि किसी की नागरिकता। बिना किसी सबूत के किसी का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। कांग्रेस सांसद द्वारा चुनाव आयोग पर लगाए गए मतदान में धांधली के आरोपों के संदर्भ में, देश के मुख्य चुनाव अधिकारी ने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनकी टिप्पणी थी, “पूरा देश जानता है कि इसके पीछे क्या मंशा है।” उन्होंने बैठक में स्पष्ट किया कि भारत के संविधान के अनुसार, 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके भारत के किसी भी नागरिक को वोट देने का अधिकार है। चुनाव आयोग कोई भेदभाव नहीं करता। आयोग का कोई पक्ष या विरोधी नहीं है। सभी समान हैं। आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्य से पीछे नहीं हटेगा। संशोधन की मांग को लेकर बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू हो गया है।
‘7 दिन के अंदर हलफनामा भरें, वरना देश से माफी मांगनी पड़ेगी’, चुनाव आयोग ने मतदान में धांधली की चेतावनी दी
