बादल फटने से फिर भूस्खलन हुआ। उत्तराखंड के उत्तरकाशी के बाद अब जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं। स्थानीय प्रशासन ने बताया है कि गुरुवार दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच मचैल माता मंदिर जाते समय बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में 22 लोगों की मौत हो गई। प्रशासन को आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में बादल फटने और भूस्खलन से प्रभावित सभी लोगों के प्रति मेरी संवेदना और प्रार्थना है। स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। बचाव और राहत कार्य भी जारी है। जरूरत पड़ने पर केंद्र हर संभव मदद मुहैया कराएगा।” मंदिर पहुंचने से पहले चसिटी गांव में बादल फटने के कारण यह हादसा हुआ। इस गांव तक कारों को जाने की अनुमति है। बाकी रास्ता पैदल ही तय करना पड़ता है। घटना के बाद मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई है। उधर, प्रशासन के अधिकारी बचाव कार्य और राहत कार्य के लिए मौके के लिए रवाना हो गए हैं। किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा और पुलिस अधीक्षक नरेश सिंह भी बचाव अभियान की निगरानी के लिए प्रभावित क्षेत्र में पहुँच गए हैं। खबर यह भी है कि एनडीआरएफ की टीम उधमपुर से घटनास्थल के लिए रवाना हो गई है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किश्तवाड़ की स्थिति से अवगत कराया है। उन्होंने कहा, “मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से जम्मू के किश्तवाड़ इलाके की स्थिति के बारे में बात की है। यह नुकसान बादल फटने के कारण हुआ है। बचाव अभियान चलाने के लिए जम्मू-कश्मीर के अंदर और बाहर से हर संभव राहत सामग्री एकत्र की जा रही है।” उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे में हुई जानमाल की हानि पर दुख व्यक्त करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से मैं स्तब्ध हूँ। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी संवेदनाएँ और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। नागरिक, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अधिकारियों को बचाव अभियान तेज करने और पीड़ितों को हर संभव सहायता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।”
जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से भारी तबाही, 22 लोगों की मौत
