“बंगाल में मतदाता सूची से किसी का नाम हटाकर तो देखिये दमामा बजा दूंगी,” मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बोलपुर में भाषाई आतंकवाद के विरोध में आयोजित विरोध प्रदर्शन के मंच से केंद्र सरकार को लगभग चेतावनी दे डाली। सोमवार को उन्होंने कहा, “जब तक मैं ज़िंदा हूँ, एनआरसी और डिटेंशन कैंप नहीं लगने दूँगी।” इसके साथ ही, तृणमूल सुप्रीमो ने घर-घर जाकर मतदाता सूची का सर्वेक्षण करने वालों के ख़िलाफ़ ‘बर्तन’ उठाकर और शंख बजाकर खड़े होने की चेतावनी भी दी। “फिर से खेल होगा क्या?” उन्होंने केंद्र सरकार और भाजपा पर भी निशाना साधा। पहले ही उन्होंने घोषणा किये थे वह इस कार्यक्रम की शुरुआत बीरभूम से करेंगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विश्व कवि रवींद्रनाथ टैगोर की स्मृति से जुड़े बोलपुर में बंगाली भाषा के ख़िलाफ़ आतंकवाद के विरोध में मार्च निकाला। बीरभूम की सांसद शताब्दी रॉय और शांतिनिकेतन के आश्रमवासी उनके साथ थे। उन्होंने यह भी कहा, “जब तक मैं ज़िंदा हूँ, बंगाल में एनआरसी और डिटेंशन कैंप नहीं बनने दूँगी। असम में सात लाख नाम निकाले गए। उनमें हिंदू भी थे। मैं यहाँ ऐसा नहीं होने दूँगी। अगर हम लड़ेंगे, तो कुचल दिए जाएँगे।” ममता बनर्जी ने भाषा आंदोलन के मंच से मतदाता सूची संशोधन पर सर्वेक्षण करते समय क्या किया जाना चाहिए, इस पर अपनी सलाह भी दी। ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के भाजपा नेताओं से कहा, “आज वे केंद्र में सत्ता में हैं, इसलिए एजेंसियों को नियुक्त करके अपनी मनमानी कर रहे हैं। आप खुद पैसा कमा रहे हैं और दूसरों के लिए एजेंसियां नियुक्त कर रहे हैं।” केंद्र में यह सरकार 29 साल तक नहीं चलेगी। फिर भाजपा वाले कहाँ जाएँगे? डबल इंजन वाली सरकार कहाँ जाएगी? अपने भाषण का समापन करते हुए तृणमूल नेता ने कहा, “ज़रूरत पड़ी तो मैं अपनी जान दे दूँगी, मैं बंगाली भाषा को छीनने नहीं दूँगी।” दूसरे शब्दों में, बंगाली भाषा के ख़िलाफ़ हिंसा के विरोध में बोलपुर मार्च और सभा मंच से मतदाता सूची के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधने वाली ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर भी हमला बोला।
ममता बनर्जी ने चेतावनी दी, ‘बंगाल में मतदाता सूची से किसी का नाम हटाकर तो देखिये दमामा बजा दूंगी’
